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PANDIT JI LUCKNOW

Welcome to Pandit Ji Lucknow, your one-stop solution for all your spiritual and religious needs. We are dedicated to providing a wide range of pooja services to help you connect with the divine and seek blessings for various occasions. With years of experience and a deep understanding of Vedic rituals, our team of knowledgeable and experienced pandits ensures that every ceremony is conducted with utmost devotion and precision.

वैदिक पूजन - आचार्यों के लिए विशेष होता है,

तांत्रिक पूजा - साधारण मंत्रों से की जाने वाली पूजा होती है,

लौकिक पूजा - साधारण मंत्र और गायन का प्रयोग किया जाता है।

वैदिक आचार्यों के द्वारा कराये जाने वाले विशेष पूजन:

  • दशमहाविद्या पूजन
  • वैदिक हवन
  • नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती पाठ और हवन,
  • पंचमुखी हनुमान कवच
  • कनकधारा और श्री सूक्त पाठ
  • दीपावली पूजन
  • दुकान ओपनिंग पूजन
  • दश महाविद्या साधना
  • बगलामुखी अनुष्ठान
  • सत्यनारायण व्रत कथा पूजन
  • ग्रह क्लेश निवारण पूजा
  • रामचरित मानस पाठ
  • सुन्दरकाण्ड पाठ
  • मांगलिक दोष निवारक पूजा
  • तैलोक विजय पूजन
  • शतचंडी और नवचंडी भगवती पूजन
  • कालसर्प दोष निवारक
  • शनि साढ़ेसाती पूजन
  • Dashamahavidya worship
  • Vedic havan
  • Durga Saptashati recitation and havan during Navratri,
  • Panchmukhi Hanuman Kavach
  • Kanakdhara and Shri Sukta recitation
  • Diwali worship
  • Shop opening worship
  • Dash Mahavidya sadhana
  • Baglamukhi anushthan
  • Satyanarayan vrat katha worship
  • Graha klesh nivaran (planetary conflict resolution) worship
  • Ramcharitmanas recitation
  • Sundarkand recitation
  • Mangal dosh nivarak (Mars affliction resolution) worship
  • Tailok Vijay worship
  • Shatchandi and Navchandi Bhagwati worship
  • Kaal Sarp dosh nivarak (serpent curse resolution)
  • Shani Sade Sati worship (Saturn's seven and a half years phase)
What We Do

Pandit Ji Pooja Services



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Pandit ji Consultation

महामृत्युंजय जाप

महामृत्युंजय मन्त्र का प्रयोग असाध्य रोगों को ठीक करने, तथा जीवन शक्ति को बढ़ाने के लिये या विशेष मनोकामना की पूर्ति हेतु महामृत्युंजय मन्त्र का जाप/अनुष्ठान किया जाता है। जिसका उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद, शिव पुराने व अन्य ग्रंथो में मिलता है। महामृत्युंजय मन्त्र अनेका अनेक समस्याओं को हल करने का कारगर उपाय है। जिसमें वैदिक आचार्यों को महामृत्युंजय मन्त्र का 1 लाख 25 हजार ( सवा लाख ) जाप करके मन्त्र का दशांश हवन व दशांश तपर्ण करके सम्पन्न किया जाता है।

The Mahamrityunjaya Mantra is used to cure incurable diseases, enhance life force, or fulfill specific desires. Recitation or ritualistic practice of the Mahamrityunjaya Mantra is mentioned in Rigveda, Yajurveda, Shiv Purana, and other scriptures. The Mahamrityunjaya Mantra is an effective remedy for many problems. Vedic scholars perform it by chanting the Mahamrityunjaya Mantra 125,000 times (one and a quarter lakh) and conducting a ritualistic havan (fire ceremony) and tarpan (offering), completing the ritual with dedication.

ज्योतिष

सनातन परंपरा का एक विशेष अंग है ज्योतिष, जिसके माध्यम से हम नक्षत्र, ग्रह, और खगोलीय पिंडों का अध्ययन कर लेते हैं और मानव जीवन में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करते हैं, जिसमे जन्म कुंडली अपना विशेष महत्व रखती है। जिसके प्रधान नव ग्रह है जो सम्पूर्ण मानव जीवन को प्रभावित करते है

A special aspect of the ancient tradition is Jyotish (astrology), through which we study constellations, planets, and celestial bodies. It examines the changes occurring in human life, where the birth chart (Janma Kundali) holds special significance. The nine primary planets play a crucial role in influencing all aspects of human life.

वैदिक पूजा

यजुर्वेद के मन्त्रो से किया जाने वाला पूजन वैदिक पूजन कहलाता है। वैदिक पूजन विशेष आचार्यों से संपन्न कराना चाहिए क्योंकि वैदिक पूजन मे त्रुटियां (गलतियां) ज्यादा होने का योग होता है

वैदिक पूजन - आचार्यों के लिए विशेष होता है,

तांत्रिक पूजा - साधारण मंत्रों से की जाने वाली पूजा होती है,

लौकिक पूजा - साधारण मंत्र और गायन का प्रयोग किया जाता है।

Puja performed using mantras from the Yajurveda is called Vedic puja. Vedic puja should be conducted under the guidance of specialized acharyas (teachers) because there is a higher chance of errors (mistakes) in Vedic rituals.

Vedic puja is especially significant for scholars,

Tantric puja is performed using simple mantras,

Secular (Laukik) puja involves the use of common mantras and hymns.

नवग्रह शांति / कुंडली के दोष निवारण के लिए प्रत्येक व्यक्ति की जन्मपत्रिका में नवग्रहों से राजयोग , कालसर्प दोष, अंगारक दोष, और पितृ दोष गजकेसरी जैसे योग बनते हैं। जिन योगों से अच्छे और शुभ फल प्राप्त होते हैं, उन्हें उनका लाभ जातक ( व्यक्ति ) को मिलता है कुछ योग कष्टकारी होते हैं जिनका प्रभाव व्यक्ति को शारीरिक मानसिक व आर्थिक नुकसान पहुंचता है इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए नवग्रह शांति पूजन किया जाता है इसके लिए उन ग्रहों के मंत्रों का जाप किया जाता है। नव ग्रह मंत्र और उनकी संख्या

  • 1. सूर्य - 7000 बार
  • 2. चंद्रमा - 11000 बार
  • 3. मंगल - 10000 बार
  • 4. बुध - 9000 बार
  • 5. बृहस्पति - 19000 बार
  • 6. शुक्र - 16000 बार
  • 7. शनि - 23000 बार
  • 8. राहु - 18000 बार
  • 9. केतु - 18000 बार
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